
उत्तराखंड राज्य के जोशीमठ में लगातार हो रहे भूधंसाव को लेकर राज्य सरकार समेत केंद्र सरकार भी चिंता में आ गई हैं और जोशीमठ में वैज्ञानिक अलग- अलग तरीके से भूधंसाव के कारणों का पता लगा रहे हैं और अब केंद्र सरकार भी जोशीमठ को लेकर काफी गंभीर हो गई है तथा जोशीमठ में आ रही दरारों को लेकर उत्तराखंड में सीमा प्रबंधन सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य दौरा करने के लिए आएंगे और यहां की स्थिति का जायजा लेंगे। यह निर्णय प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा द्वारा जोशीमठ की स्थिति पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करने के बाद लिया गया है। इसके अलावा रविवार को मुख्य सचिव डॉ संधू और डीजीपी पुलिस अशोक कुमार एवं सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम भी जोशीमठ पहुंचे तथा जोशीमठ में आ रही दरारों का निरीक्षण किया। मुख्य सचिव का कहना था कि वैज्ञानिकों द्वारा दरारों के कारणों का पता लगाया जा रहा है और कारणों का पता लगने के बाद जो भी ट्रीटमेंट आवश्यक होगा वह यहां पर किया जाएगा। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है और स्थानीय प्रशासन इसके लिए लगातार काम कर रहा है। बता दें कि जोशीमठ में आ रही दरारों का कई संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा अध्ययन किया जा रहा है। इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ,राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी द्वारा भी यहां का अध्ययन कर रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
