नई दिल्ली। देश में इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय ने मसौदा जारी कर दिया है और अब डिजिटल मीडिया चलाने वाले प्रकाशक भी एक स्व नियंत्रित समूह विकसित करेंगे। यह स्व नियंत्रित समूह की संख्या एक से अधिक भी हो सकती है। इस समूह द्वारा डिजिटल मीडिया पर चलने वाले कंटेंट पर नजर रखी जाएगी और कंटेंट को लेकर यदि आपत्ति दर्ज़ होती है तो उस पर शिकायत का निवारण भी किया जाएगा। बता दें कि स्व नियंत्रित समूह के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के रिटायर जज या फिर मीडिया की प्रमुख हस्ती होंगे। दरअसल बीते सोमवार को आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में मसौदा जारी कर दिया गया है और मसौदे के अनुसार जो भी स्व नियंत्रित समूह बनाए जाएंगे उन्हें अगर लगता है कि किसी डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई कंटेंट चल रहा है और उससे किसी प्रकार का नुकसान हो सकता है तो वह उस कंटेंट को डिलीट करने के निर्देश भी दे सकता है और यदि इस निर्देश का पालन निश्चित समय में नहीं हुआ तो मसले को ओवरसाइट मेकैनिज्म के पास भेज दिया जाएगा। ओवर साइट मैकेनिकल के तहत सरकार डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को तमाम जानकारी देगी। यानी कि इस योजना में स्व नियंत्रण समूह डिजिटल मीडिया में चल रहे कंटेंट पर नजर रखेंगे और यदि कंटेंट से कोई नुकसान होने की आशंका है तो उसे ब्लॉक या फिर डिलीट करने के निर्देश भी दिए जाएंगे और सभी डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को उनके द्वारा प्रकाशित किए गए कंटेंट को 60 दिनों तक रखना होगा और यदि आवश्यकता पड़ी तो वह उस कंटेंट को सरकार के सामने पेश भी करेंगे।
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