नई दिल्ली। वर्ष 2016 में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी की गई थी और उस पर कई सवाल भी उठे और याचिकाएं भी दायर की गई। उन सवालों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में ₹1000 और ₹500 के नोटों को अमान्य करने के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराया है और इसी के साथ कोर्ट द्वारा 58 याचिकाओं को खारिज भी कर दिया गया है। नोट बंदी के खिलाफ कोर्ट द्वारा तीन दर्जन से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई की गई और नोटबंदी में कुछ भी गलत नहीं पाया गया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आरबीआई के पास विमुद्रीकरण लाने की कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है और केंद्र तथा आरबीआई के बीच परामर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है। इस मामले में 4- 1 से फैसला सुनाया गया है। न्यायमूर्ति एस ए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मामले में फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना द्वारा यह फैसला सुनाया गया। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने असहमति जताई है और केंद्र सरकार को अब इस मामले में क्लीन चिट मिल चुकी है।
Recent Posts
- बागेश्वर – जिलाधिकारी ने जिला योजना,राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित एवं बाह्य सहायतित योजनाओं की प्रगति की करी समीक्षा
- Uttarakhand:- राजभवन में इस दिन से लगेगी पुष्प प्रदर्शनी….. 15 विभिन्न श्रेणियो की प्रतियोगिताओं के लिए दिए जाएंगे 162 पुरस्कार
- Uttarakhand:- समान नागरिक संहिता से संबंधित शंकाओं को दूर करने हेतु जारी हुआ मोबाइल नंबर
- Uttarakhand:- राज्य की झोली में एक और स्वर्ण पदक…..पढ़े पूरी खबर
- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025:- एग्जिट पोल में बीजेपी को बढ़त, आप की स्थिति अलग-अलग अनुमानों में भिन्न