उत्तराखंड राज्य के टांडा जंगल में बीते रविवार को ट्रेन की टक्कर से एक हाथी का बच्चा घायल हो गया। जिसके बाद वह कई दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच लड़ता रहा मगर आखिरकार उसे मौत से हारना पड़ा और वन विभाग की टीम ने मौके पर ही उसके शव को दफना दिया है। यह घटना रविवार को घटी जब एक हाथी का बच्चा टांडा जंगल में ट्रेन की चपेट में आ गया। बच्चे की उम्र डेढ़ वर्ष बताई जा रही है। जख्मी होने के बाद वाइल्डलाइफ चिकित्सक डॉक्टर आयुष उनियाल, डॉक्टर हिमांशु पांगती और वाइल्डलाइफ विशेषज्ञ प्रशांत वर्मा के नेतृत्व में चिकित्सा कर्मियों की टीम ने जख्मी हाथी के बच्चे का उपचार शुरू किया। लंबे संघर्ष के बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया। वन विभाग ने शुक्रवार को उसका पोस्टमार्टम कराया जिसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। हाथी के बच्चे के पिछले हिस्से में गंभीर चोट लगने के कारण वह उठ नहीं पा रहा था। चिकित्सकों ने उसे बचाने का हर संभव प्रयास किया मगर 6 दिन के संघर्ष के बाद उसने गुरुवार रात 11: 35 बजे दम तोड़ दिया।
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