
नई दिल्ली। देश में सीआरपीएफ और बीएसएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में वर्तमान समय में महिलाओं की संख्या काफी कम है और संसद की एक समिति ने इस बात पर निराशा व्यक्त की है और कहा है कि सीमावर्ती चौकियों पर उपयुक्त माहौल बनाने के लिए कदम उठाए जाएं ताकि महिलाएं सुरक्षाबलों में शामिल होने के लिए प्रेरित हो। भाजपा के राज्यसभा सदस्य बृजलाल के नेतृत्व वाले ग्रह मामलों से संबंधित स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह बात की गई है। समिति का कहना है कि गृह मंत्रालय द्वारा सीएपीएफ और असम राइफल्स में महिलाओं की भर्ती को प्रोत्साहित किया जा रहा है मगर उसके बाद भी इन बलों में महिलाओं की संख्या काफी कम है। इस पर समिति ने निराशा व्यक्त की है। समिति का कहना है कि रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में सरकार द्वारा निर्णय लिया गया था कि सीआरपीएफ और सीआईएसएफ में कॉन्स्टेबल स्तर पर महिलाओं को 33% पदों पर आरक्षण मिलेगा लेकिन फिर भी महिलाओं की संख्या केंद्रीय सशस्त्र बलों में काफी कम है। समिति द्वारा गृह मंत्रालय को सुझाव दिए गए हैं कि सीएपीएफ में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और चरणबद्ध तरीके से महिलाओं की भर्ती के लिए अभियान चलाए जाए। साथ में समिति ने यह भी कहा कि गृह मंत्रालय उन कारणों की पहचान करें जो महिलाओं को बलों में शामिल होने से रोकते हैं और उनकी समस्या का समाधान भी करना चाहिए।
