उत्तराखंड राज्य के सबसे बड़े फर्म में आगामी 2 वर्षों तक आलू का उत्पादन नहीं किया जाएगा। बता दें कि उद्यान विभाग को पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा जांच के बाद आलू की खेती नहीं करने की राय दी गई है और आलू का उत्पादन नहीं करने से उद्यान विभाग को 1000000 से भी अधिक रुपयों का नुकसान होगा। बता दें कि उद्यान विभाग की ओर से मुनस्यारी तहसील के अंतर्गत 5 दशक पूर्व बलाती आलू फार्म खोला गया था जो कि 46 हेक्टेयर में फैला हुआ है और यहां पर बेहतरीन किस्म का आलू उगाया जाता है। जिसे ना सिर्फ जिला बल्कि पूरे राज्य में पहुंचाया जाता है। मगर 4 वर्ष पूर्व आलू फर्म में लगाए गए आलू के पौधे सूखने लगे और आलू का उत्पाद भी कम हो गया। उद्यान विभाग द्वारा जांच कराई गई लेकिन कारणों का पता नहीं लग पाया और इसकी जानकारी उद्यान विभाग ने पंतनगर विश्वविद्यालय को दी। जब टीम ने जांच की तो पाया कि फॉर्म निमोडोल नामक बैक्टीरिया की चपेट में है जो कि आलू के पौधों को चट कर देता है और फसल सूख जाती है तथा आलू तैयार नहीं हो पाता। इसलिए वैज्ञानिकों ने सलाह दी कि दो-तीन सालों तक आलू का उत्पादन रोक दिया जाए। जिसके बाद बीते नवंबर माह में आलू का उत्पादन रुके हुए 3 वर्ष पूरे हो चुके हैं मगर फिर से जांच कराने के बाद वैज्ञानिकों ने 2 वर्ष तक और रुकने की राय दी है और कहा है कि अगले 2 वर्ष तक आलू का उत्पादन ना किया जाए ताकि निमोटोड का असर पूरी तरह खत्म हो जाए।
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