Uttarakhand- मकड़ी पर शोध करने के बाद कुमाऊं विश्वविद्यालय की प्रोफेसर को मिला यंग साइंटिस्ट पुरस्कार

उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं विश्वविद्यालय की जंतु विज्ञान विभाग असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु पांडे लोहनी को यंग साइंटिस्ट पुरस्कार मिला है। बता दें कि उत्तराखंड के नैनीताल जिले में सेल्टी साइट परिवार की मकड़ियां अधिक पाई जाती हैं और थोमीसाइड परिवार की प्रजातियों की भी यहां पर मौजूद है।जंतु विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु पांडे लोहनी द्वारा बताया गया है कि मकड़ी बायोकन्ट्रोल एजेंट है यह एग्रो इको सिस्टम के लिए बेहद ही लाभकारी हैं। बता दें कि सातवें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन झारखंड की राजधानी रांची में किया गया था। यहां पर सातवें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस इन हाइब्रिड मोड ऑन ग्लोबल रिसर्च इनीशिएटिव फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर एंड एयरलाइइ साइंस पर कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ था। इस कॉन्फ्रेंस में डीएसबी परिसर जंतु विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु पांडे लोहनी ने स्पाइडर पर आधारित अपना शोध प्रस्तुत किया। इसी शोध के लिए उन्हें यंग साइंटिस्ट पुरस्कार मिला है। उन्होंने अपने शोध में बताया कि पूरी दुनिया में स्पाइडर की 5 लाख प्रजातियां मिलती हैं और इन प्रजातियों में 49000 प्रजातियां 2021 के कैटलॉग में शामिल है। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि एग्रोइकोसिस्टम के लिए मकड़ी काफी लाभकारी होती हैं।