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उत्तराखंड राज्य में शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने प्रदेश के सभी राजकीय और सहायता प्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों को निर्देश देते हुए कहा है, कि मार्च 2023 तक इन्हें नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य होगा अन्यथा जो भी राजकीय और सहायता प्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेज नैक मूल्यांकन नहीं कराएंगे उनकी मान्यता समाप्त कर दी जाएगी और ऐसे राजकीय कॉलेजों के प्राचार्य के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। बता दें कि शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत द्वारा सचिवालय की डीएमएमसी सभागार में राजकीय व शासकीय डिग्री कॉलेजों की प्रगति की समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने कॉलेजों को निर्देश देते हुए कहा कि नैक मूल्यांकन कराना आवश्यक है तथा मार्च 2023 तक नैक मूल्यांकन हो जाना चाहिए। साथ में उन्होंने नैक मूल्यांकन के लिए आवश्यक सुविधाओं एवं संरचनाओं की जानकारी देने हेतु संगोष्ठियों की घोषणा भी की। उनका कहना है कि आगामी दिसंबर माह तक विभिन्न जिलों में 5 संगोष्ठीया होंगी। इस दौरान नैक मूल्यांकन से संबंधित सुविधाओं एवं संरचनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि कॉलेजों में 180 दिन कक्षाएं संचालित होनी चाहिए इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप कॉलेजों में ग्रीन केंपस, तंबाकू मुक्त केंपस बनाने के लिए समितियों का गठन भी किया जाए तथा एनसीसी और एनएसएस की इकाइयां भी स्थापित की जाए।साथ में उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि कॉलेजों में शिक्षकों तथा कार्मिकों एवं छात्र- छात्राओं की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराई जाए। इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों के कॉलेजों के आसपास एक-एक गांव गोद लेकर साक्षरता, स्वच्छता व सामाजिक जागरूकता के लिए अभियान भी चलाया जाए। साथ में उन्होंने कॉलेजों में सांस्कृतिक गतिविधियां, खेल, सामान्य ज्ञान ,भाषण, कुलगीत प्रतियोगिताएं कराने के निर्देश भी दिए हैं।
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