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उत्तराखंड राज्य में अब ग्राम प्रधान को बस्ता ना देना काफी महंगा पड़ेगा। बता दें कि कार्यकाल समाप्त होने पर ग्राम प्रधान को बस्ता यानी कि पंचायत से संबंधित सभी अभिलेख, धनराशि व अन्य संपत्ति तुरंत जमा करनी होगी।यदि कोई भी ग्राम प्रधान कार्यकाल पूरा होने पर अपने उत्तराधिकारी या नियत प्राधिकारी को बस्ता देने में आनाकानी करता है तो उसे यह काफी महंगा पड़ सकता है। इसके लिए ग्राम प्रधान से ₹50000 का जुर्माना वसूला जाएगा। बता दें कि इस मामले में ग्राम प्रधान को 3 साल की सजा के पूर्व में निर्धारित प्रावधान से मुक्ति मिल गई है लेकिन ग्राम प्रधान को ₹50000 का जुर्माना भरना पड़ेगा और यही पंचायती राज अधिनियम की अन्य धाराओं के मामले में भी है। कैबिनेट की बैठक में अधिनियम की विभिन्न धाराओं में लघु उल्लंघन के मामलों से सजा के प्रावधान को हटाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें पंचायती राज अधिनियम में संशोधन विधेयक को मंजूरी मिल गई है लेकिन इस मामले में सरकार द्वारा जुर्माना राशि काफी बढ़ा दी गई है तथा जो भी ग्राम प्रधान अब अपने कार्यकाल के पूरे होने के बाद तत्काल सभी दस्तावेजों राशि और अन्य वस्तुओं को अपने उत्तराधिकारी को नहीं सौपता है उसे भारी जुर्माना भरना पड़ेगा। कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के तहत इन मामलों में प्रथम बार दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को 10 हजार, द्वितीय बार 25 हजार, तृतीय बार 30,000 और उसके बाद 50000 तक का अर्थदंड चुकाना होगा।
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