उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में चरस तस्करी के मामले में व्यक्ति को विशेष सत्र न्यायाधीश शहंशाह मोहम्मद दिलवर दानिश ने दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की कठोर सजा और ₹100000 का अर्थदंड दिया है। बता दें कि यदि दोषी व्यक्ति ने अर्थदंड जमा नहीं किया तो उसे 2 वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। दरअसल यह मामला साल 2020 का है जिसमें आरोपी को 2 साल बाद सजा सुनाई गई है। 25 दिसंबर 2020 को कपकोट पुलिस ने चेकिंग अभियान के दौरान वाहन संख्या यूके 02- टीएस- 2012 बोलेरो वाहन को रोका जिसमें चार व्यक्ति सवार थे और उसी वाहन के नीचे नीले आसमानी रंग के थैले से पुलिस ने चरस बरामद की। चरस का वजन करीब डेढ़ किलो था इस मामले में पुलिस ने बोरबलड़ा निवासी चालक खीमपाल पुत्र हीरा सिंह को एनडीपीएस एक्ट के प्रावधान बताएं। इस मामले में न्यायालय के सामने 9 गवाह पेश किए गए और अब जाकर 2 साल बाद विशेष सत्र न्यायाधीश ने सभी गवाहों और सबूतों को देखते हुए उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर चालक को दोषी करार दिया है तथा उसे 10 वर्ष का कारावास और ₹100000 के दंड से दंडित किया गया है।
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