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उत्तराखंड राज्य में कुमाऊं क्षेत्र के अंतर्गत कमिश्नर दीपक रावत सख्त हो चुके हैं। बता दें कि कूड़ा निस्तारण को लेकर हो रही लापरवाही के लिए उन्होंने अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि सभी अधिकारी फील्ड में उतरे और देखें कि सफाई व्यवस्था की हकीकत क्या है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए फील्ड में जाने के लिए कहा है और सफाई की व्यवस्था का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा उनका कहना है कि इस मामले में यदि अनदेखी की गई तो कार्यवाही की जाएगी। बता दें कि 21 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि गंदगी की शिकायत के लिए ई-मेल आईडी बनाई जाएगी और मंडलायुक्त इन शिकायतों का 48 घंटे के भीतर निस्तारण कराएगा। इस आदेश के बाद कुमाऊ के मंडलायुक्त दीपक रावत ने बीते शुक्रवार को जिला अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक की और इस दौरान उन्हें फील्ड में जाकर सफाई व्यवस्था का जायजा लेने और कूड़ा निस्तारण में हो रही लापरवाही को देखने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जहां पर सिंगल यूज प्लास्टिक सप्लाई हो रहा है वहां की चेकिंग की जाए और चालानी कार्यवाही करने के निर्देश भी उनके द्वारा दिए गए। इसके अलावा उनका कहना था कि नगरों में जहां पर अधिक जनसंख्या है वहां सफाई के कार्य रात को कराए जाएं तथा हल्द्वानी और नैनीताल जाने वाली सड़क पर सैकड़ों कैफे एवं जलपान ग्रह की दुकानें हैं इनका कूड़ा वन क्षेत्रों पर डाला जाता है इनके खिलाफ चालानी कार्यवाही की जाए। जिला पंचायत ग्रामीण क्षेत्रों में साप्ताहिक बाजार की मॉनिटरिंग करें। बता दें कि कमिश्नर द्वारा कूड़ा निस्तारण के लिए कुमाऊं के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
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