
विद्यालय में बच्चे पढ़ने के लिए जाते हैं मगर वहां कभी- कभी उनसे शिक्षक ऐसे काम कराते हैं जो कि वह नहीं कराने चाहिए। बता दें कि ऐसा ही मामला उत्तराखंड राज्य के देहरादून से सामने आए हैं जहां पर राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय माजरीग्रांट में सातवीं कक्षा के 4 बच्चों ने शौचालय साफ करने से मना कर दिया तो प्रधानाचार्य ने बच्चों का पीट-पीटकर बुरा हाल कर दिया। इस बात का पता जब बच्चों के अभिभावकों को चला तो उन्होंने इसके लिए विरोध जताया और आरोपित प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्यवाही की मांग करी। बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि बच्चों से रोज स्कूल के आंगन और परिसर की सफाई करवाई जाती है। जब प्रधानाचार्य ने बच्चों से शौचालय साफ करने को कहा तो उन्होंने शौचालय साफ करने से मना कर दिया जिसके कारण प्रधानाचार्य नाराज हो गया और बच्चों की खूब पिटाई कर दी।जिसके बाद घर जाने पर बच्चों ने यह बात अभिभावकों को बताई।अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे विद्यालय में पढ़ने के लिए जाते हैं ना की सफाई के लिए। इसलिए प्रधानाचार्य के इस अमानवीय व्यवहार को लेकर उन्होंने काफी आक्रोश जताया और कार्यवाही करने की मांग की। जिसके बाद आरोपी प्रधानाचार्य अशोक मनवाल ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए अभिभावकों तथा बच्चों से माफी मांगी और कहा कि उन्हें इस बात का खेद है। आगे से वह ऐसा नही करेंगे।
