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नई दिल्ली| यदि आप पराठा खाना चाहते हो तो आपको 18 फ़ीसदी जीएसटी चुकाना पड़ेगा| लेकिन रोटी खाना चाहते हैं तो वह सस्ती पड़ेगी| चपाती पर 5 फ़ीसदी ही टैक्स लगेगा|
बताते चलें कि देश में एक समान वस्तु और सेवा शुल्क जीएसटी प्रणाली लागू हुए इस साल जुलाई में 5 साल पूरे हो गए हैं| लेकिन इसकी पेचीदगियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही है| आए दिन जीएसटी के अमल वह अधिसूचनाओं को लेकर विवाद सामने आते रहते हैं| ऐसा ही मामला रोटी व पराठे पर अलग-अलग जीएसटी दरों का है| यदि पराठा खाना चाहते हैं तो उस पर 18 फ़ीसदी जीएसटी चुकाना पड़ेगा और अगर रोटी खाना चाहते हैं 5 फ़ीसदी| फ्रोजन रोटी-पराठे पर जीएसटी को लेकर पहले भी सवाल उठे हैं| इस उद्योग से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि दोनों को बनाने की मूल सामग्री चुंकि गेहूं का आटा है इसलिए इस पर समान जीएसटी लागू होनी चाहिए|
लेकिन, गुजरात जीएसटी प्राधिकरण ने कहा कि रोटी ready-to-eat है, जबकि कंपनी का पराठा रेडी टू कुक है| कर प्राधिकारियों का साफ कहना है कि पराठा रोटी से पूरी तरह अलग है| रोटी को आप बगैर मख्खन-घी लगाए भी खा सकते हैं| लेकिन पराठा इनके बगैर नहीं बनता, क्योंकि घी चुपड़ी रोटी या पराठा एक तरह से विलासिता की श्रेणी में आते हैं इसलिए इन पर 18 फ़ीसदी की दर से कर वसूलना लाजमी है|
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