
उत्तराखंड राज्य में लगातार भर्ती घोटाले सामने आ रहे हैं। बता दें कि अब 2015 बैच के 120 दरोगा विजिलेंस जांच के दायरे में आ गए हैं। इन 120 दरोगाओं पर विजिलेंस जांच की आंच आते ही हड़कंप मच गया है। कुमाऊं परिक्षेत्र में 2015 बैच के 120 ऐसे दरोगा है जिन्हें विजिलेंस जांच के दायरे में रखा गया है। बता दें कि एसटीएफ द्वारा यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में जांच की गई थी और इस दौरान उत्तराखंड में वर्ष 2015 में हुए दरोगा भर्ती घोटाले के संबंध में भी एसटीएफ को जानकारी मिली और एसटीएफ ने डीजीपी अशोक कुमार को इस मामले से अवगत कराया।
बता दें कि 2015 में हुई दरोगा भर्ती घोटाले की जांच के आदेश शासन स्तर से दे दिए गए हैं और इसका जिम्मा विजिलेंस को सौंपा गया है। विजिलेंस के मुताबिक साल 2015 में उत्तराखंड में 339 दरोगाओं की भर्ती हुई और इनमें से ऐसे 120 दरोगा है जो कि कुमाऊं के विभिन्न जिलों में तैनात हैं। जिसमें उधम सिंह नगर में 46, नैनीताल में 38, पिथौरागढ़ में 15 ,अल्मोड़ा में सात, चंपावत में सात, और बागेश्वर में सात दरोगा सेवा दे रहे हैं और अब इन सभी दरोगाओं का रिकॉर्ड मुख्यालय से लेकर विजिलेंस ने जांच करनी शुरू कर दी है। बता दें कि विजिलेंस द्वारा सबसे पहले टॉपर दरोगा की जांच की जाएगी क्योंकि इनमें कई ऐसे टॉपर दरोगा है जिन्हें पुलिस कार्यप्रणाली के बारे में कुछ भी नहीं पता यहां तक कि किसी- किसी को तो हिंदी लिखने में भी परेशानी आती है।
