UKSSSC:- प्रिंटिंग प्रेस के मालिक राजेश चौहान की गिरफ्तारी के बाद खुले राज…. पिछले 10 सालों से बेचे जा रहे हैं पेपर

देहरादून। उत्तराखंड राज्य में लगातार यूकेएसएसएससी पेपर लीक होने के मामले में गिरफ्तारियां हो रही हैं। पेपर लीक होने की प्रक्रिया में जिसे अब तक सभी लोग मास्टरमाइंड समझ रहे थे दरअसल वह मास्टरमाइंड नहीं बल्कि मुखिया है जी हां अब तक पेपर लीक होने के बारे में लग रहा था कि इस खेल का मास्टरमाइंड हाकम सिंह है मगर प्रिंटिंग प्रेस के मालिक राजेश चौहान की गिरफ्तारी के बाद उसे प्रकरण का मुखिया और केंद्रपाल को मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।

एसटीएफ द्वारा जब आरएमएस टेक्नोसोल्यूशंस लिमिटेड के मालिक राजेश चौहान की गिरफ्तारी करी गई तो उसके बाद जांच में पता चला है कि सरकारी नौकरियों को बेचने का खेल उत्तराखंड राज्य में साल 2012 से ही शुरू हो गया था। यह बात जांच में तब सामने आई जब प्रिंटिंग प्रेस के मालिक राजेश चौहान की गिरफ्तारी हुई। बता दें कि राजेश चौहान की प्रिंटिंग प्रेस में यूकेएसएसएससी की ओर से करवाए जाने वाले पेपर छपते थे और इसकी जानकारी केंद्रपाल को मिल जाती थी जिसके बाद वह प्रिंटिंग प्रेस के मालिक से सौदा तय कर मोटी रकम देता था और खुद वह पेपर ले लेता था केंद्रपाल वह पेपर उत्तरकाशी के हाकम सिंह, रामनगर के चंदन मनराल और चौखुटिया अल्मोड़ा के जगदीश गोस्वामी को बेच देते थे और यह तीनों फिर अपने- अपने क्षेत्रों में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की तलाश कर उन्हें 10 से 15 लाख रुपए में यह पेपर बेच देते थे।

बता दें कि यह लोग हर अभयार्थी से एक पेपर का 10 से 15 लाख रुपए लेते थे। इसमें कुछ अन्य लोग भी शामिल है जो कि उन अभ्यार्थियों को पेपर करवाते थे जो कि गिरफ्तार भी हो चुके हैं।दरअसल परीक्षा में पेपर बेचने का यह खेल सालों पुराना है मगर अब तक यह आरोपी इसलिए बचते आ रहे थे क्योंकि यह लोग काफी सीमित परीक्षार्थियों को ही नकल करवाते थे मगर इस साल इन लोगों ने अपने लालच के कारण 15 से 20 अभ्यर्थियों को पेपर बेचे जिसके बाद परीक्षा में कल की बात सामने आई और जो बच्चे इस परीक्षा में फेल हुए उन्होंने भी आयोग को सूचना दी कि परीक्षा में नकल हुई थी और इन लोगों का पर्दाफाश हो गया।