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अल्मोडा- संस्कृत भारती अल्मोडा के तत्वाधान में आज जाखन देवी स्थित डॉ निर्मल पन्त जी के आवास पर संस्कृतभारती नगर व जनपद के कार्यकर्ताओं की गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे गौरव शास्त्री ( प्रान्त संगठन मंत्री नें कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा तो दिया गया पर हिमाचल प्रदेश की तरह क्रियान्वयन नहीं हो पाया जिसे आज धरातल पर उतारनें की जरूरत है उन्होनें कहा सभी कार्यकर्ता उत्साह के साथ काम करें और राज्य सरकार से भी संस्कृत को धरातल पर उतारनें हेतु योजना रचना के साथ चर्चा की जाएगी। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्कृतभारती के जिला अध्यक्ष डॉ निर्मल प्रवाह पन्त नें जी कहा कि संस्कृत संरक्षण एवं संवर्धन हेतु सभी संस्कृत से जुडे हुए एवं संस्कृत प्रेमियों को आज के समय निश्वार्थ भाव से आगे आना होगा। गोष्ठी में पूर्व अभियन्ता गोविन्द गोपाल जी ने संस्कृत संभाषण की बारिकियॉ बतायी ।अंग्रेजी विषय के शिक्षक जगदीश पाण्डेय जी नें संस्कृत में धारा प्रवाह संभाषण करते हुए समाज को यह बताया की संस्कृतं सर्वत्र संस्कृतं सर्वेषाम् अर्थात् सभी संस्कृत बोल सकते हैं संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी है ।पूर्व विभाग संयोजक संस्कृतभारती व विश्व हिन्दु परिषद् के वरिष्ठ कार्यकर्ता अर्जुन बिष्ट जी नें कहा कि संस्कृत भारत की आत्मा है,इसे व्यवहार में लानें के लिए संस्कृत सम्भाषण शिविरों का आयोजन हो हिन्दी कवि व विभिन्न पुस्तकों के लेखक सेवानिवृत शिक्षक डॉ धारा बल्लभ पाण्डेय जी नें कहा कि भारतीय संस्कृति की आत्मा संस्कृत भाषा को जन जन तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है। पूर्व जिला संयोजक आधुनिक हिन्दी युवा कवि व पत्रिका संम्पादक संस्कृत भारती अर्जुन पाण्डेय जी नें कहा कि भारतीय संस्कृति संस्कृत पर ही आश्रित है यदि भारतीय संस्कृति बचानी है तो सभी को संस्कृत भाषा को अपनाकर संस्कृत में संभाषण सीखना चाहिए। संस्कृत भारती के कार्यकर्ता सुरेश पोखरिया जी व भुवन चन्द्र मिश्रा जी नें विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक राजकीय अशाशकीय व निजी स्कूलों में संस्कृत अनिवार्य विषय के रुप में पढाया जाना चाहिए और प्रत्येक विद्यालय में संस्कृत भाषा एल. टी. व प्रवक्ता के पद भी सृजित होनें चाहिए जिसके लिए हिन्दी संस्कृत शिक्षण मंच के प्रदेश संयोजक बालादत्त शर्मा जी बहुत बार सरकार के सम्मुख विषय रख चुके हैं इस अवसर पर संस्कृत भारती के पूर्व विभाग संघटन मंत्री आधुनिक संस्कृत युवा कवि ,संस्कृत नाटककार अनिल ढौडियाल जी से गोष्ठी का संचालन किया।
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