रुद्रप्रयाग| केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के उच्च हिमालयी क्षेत्र में पड़ने वाले द्वितीय केदार मध्यमेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ समेत अन्य मंदिर व बुग्यालों (मखमली घास के मैदान) में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है| यहां अब सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करने वाले पर अर्थदंड लगेगा| इसी कड़ी में वन विभाग के कर्मचारी जगह-जगह पर्यटक व तीर्थ यात्रियों की नियमित चेकिंग कर रहे हैं|
बताते चलें कि तीर्थयात्री श्रद्धालुओं द्वारा गंदगी फैलाने की मामले सामने आए हैं| जिससे हिमालयी पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है| इसे गंभीरता से लेते हुए केदारनाथ वन्य प्रभाग ने यह बुग्याल व मंदिरों में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर सख्ती से रोक लगाने का कदम उठाने शुरू कर दिए हैं| हर वर्ष यहां लाखों पर्यटक तीर्थ यात्रा के लिए पहुंचते हैं और बड़ी मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक यही छोड़ जाते हैं| यह पूरा क्षेत्र प्रतिबंधित वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है| इसी को देखते हुए अब वन विभाग ने यह कदम उठाया है| केदारनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी आईएस सिंह नेगी ने कहा कि इस पूरे क्षेत्र में जगह-जगह चेकिंग के लिए कर्मचारी तैनात किए गए हैं साथ ही पर्यटक और तीर्थयात्रियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है|
मध्यमेश्वर, तुंगनाथ, चोपता, चंद्रशिला व देवरियाताल जाने वाले कोई भी पर्यटक और तीर्थयात्री अपने साथ प्लास्टिक कैरी बैग, बोतल, प्लास्टिक की पैकिंग में पेयजल व खाद्य पदार्थ नहीं ले जा सकता| यहां तक कि चॉकलेट और टॉफी के पैकेट भी उन्हें साथ में वापस लाने होंगे| अगर कोई सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करते हुए पाया गया तो सौ से 500 रुपये तक के अर्थदंड का प्रावधान किया गया है| यहां तक कि इस क्षेत्र में यदि कोई व्यापारी अपने प्रतिष्ठान के पास गंदगी करता है तो अर्थदंड की धनराशि ₹5,000 तक हो सकती है|