
देहरादून| निजी शिक्षण संस्थानों को अब से शिक्षक शिक्षा से जुड़े 2 साल की डीएलएड व समकक्ष कोर्स की मंजूरी नहीं मिलेगी| राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने अब तक मिले सभी आवेदनों को निरस्त करने का निर्णय किया है|
एनसीटीई की क्षेत्रीय कमेटी की बैठक में यह निर्णय किया गया है| उत्तराखंड के कई प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को भी इस फैसले से धक्का लगा है| राज्य में भी कई संस्थानों ने डीएलएड कोर्स के लिए आवेदन किया था| साथ ही सरकारी डायट के डीएलएड कोर्स भी ज्यादा दिन नहीं चल पाएंगे| राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत B.ed को शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम पात्रता मान लिया गया है| वर्ष 2030 से यह पूरी तरह से लागू हो जाएगा|
निदेशक a.r.t. सीमा जौनसारी ने इसकी पुष्टि की है और कहा कि एनसीईआरटी और डायट का स्वरूप पूरी तरह से बदलने जा रहा है|
एनसीटीई ने अपनी 55वीं बैठक में फैसले का ब्यौरा सभी राज्यों को भेजा है| इसके अनुसार वर्ष 2030 में शिक्षक बनने के लिए 4 साल का इंटीग्रेटेड B.Ed की डिग्री ही मान्य होगी|
