देहरादून| राज्य में करीब 110 लोगों में से एक व्यक्ति भांग से बने ड्रग्स का सेवन करता है, जो कुल जनसंख्या के 0.9% आबादी है| राष्ट्रीय औसत से यह प्रतिशत 0.7 से भी अधिक है| ऐसे में सीएम धामी ने 3 वर्षों के भीतर प्रदेश को ट्रक्स मुक्त करने का लक्ष्य रखा है| हालांकि पुलिस इसमें कितनी कारगर होती है यह तो आने वाले समय में पता चलेगा| लेकिन यह सरकार और पुलिस दोनों के लिए चिंता का विषय है| ड्रग्स लेने के मामले में उत्तराखंड में चिंता पैदा करने वाली स्थिति नजर आई है| संस्था ने यह स्टडी चरस और गांजा का नशा करने वालों पर की है| जिसके अनुसार देश में करीब 1.30 करोड लोग चरस और गांजा का नशा करते हैं, जो कुल जनसंख्या का 0.7% है| जबकि उत्तराखंड का ये प्रतिशत 0.9 है| यह संख्या वर्तमान में अनुमानित जनसंख्या के हिसाब से 1.12 लाख होती है| इस हिसाब से प्रदेश में लगभग 110 लोगों में से एक व्यक्ति चरस और गांजे का सेवन करता है|
पुलिस के अनुसार, उत्तराखंड में चरस और गांजा की ज्यादातर आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से होती है| प्रदेश में इसकी खेती पर प्रतिबंध है| हालांकि पड़ोसी राज्यों में भी ऐसे प्रतिबंध लागू है, लेकिन वहां पर तस्करों के लिए उत्तराखंड एक बाजार की तरह उभरा है|
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि, मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसी औरतों को शून्य पर लाना है| इसके लिए 2025 की डेडलाइन घोषित की गई|