पाकिस्तान में आजादी के 75 वर्षों के बाद पहली बार कोई हिंदू महिला डीएसपी बनी है| मनीषा रुपेता ने सिंध लोक सेवा की परीक्षा पास करने के बाद यह उपलब्धि हासिल की है| मनीषा ने अपने पिता को बचपन में ही खो दिया था| तमाम परेशानियों के बावजूद यह मुकाम हासिल किया है| पिछले महीने ही उन्होंने प्रशिक्षण लेने के बाद पदभार संभाला है| सोशल मीडिया पर मनीषा का एक साक्षात्कार वायरल हो रहा है|
बताते चलें कि मनीषा सिंध के पिछड़े और छोटी से जिले जकोबाबाद की रहने वाली है| उन्होंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा यहीं से हासिल की| वह जब 13 साल की थी तभी उनके पिता का निधन हो गया था| वह व्यापारी थे| मनीषा की मां ने अकेले अपने 5 बच्चों की परवरिश की बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए वह कराची आ गई थी|
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, मनीषा की तीन बहने एमबीबीएस डॉक्टर है जबकि इकलौता छोटा भाई मेडिकल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा है| मनीषा का कहना है कि मैंने भी डॉक्टर बनने की कोशिश की थी लेकिन एक अंक कम आने की वजह से एमबीबीएस में दाखिला नहीं मिला| इसके बाद मैंने डॉक्टर ऑफ फिजिकल थेरेपी की डिग्री ली| पढ़ाई के दौरान ही में बिना किसी को बताए सिंध लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी भी करती रही| परीक्षा में मुझे 16वां स्थान मिला| तब कुल 438 आवेदन सफल हुए थे|’
मनीषा कहती है, पुलिस का पेशा मुझे हमेशा आकर्षित और प्रेरित करता रहा| मुझे लगता है कि यह पेशा महिलाओं की स्थिति को सशक्त बनाता है| मैं इस धारणा को बदलना चाहती हूं कि अच्छे परिवार की लड़कियां पुलिस स्टेशन नहीं जाती है| पाकिस्तान में महिलाएं पुरुषों के साथ ही पुलिस स्टेशन और अदालत जाती है|’