
देहरादून| प्रदेश की राशन की दुकानों में समय पर खाद्यान्न नहीं पहुंचने और वितरण में अनियमितता बड़ी संख्या में निर्धनों का खाद्यान्न चट होने का कारण बन रही है| वर्ष 2018 में शासन की नाक के नीचे आंतरिक राजधानी देहरादून में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित खाद्यान्न गोदाम में गेहूं, चावल और चीनी के 11 हजार कट्टे गायब मिले थे| इन सभी बातों को देखते हुए अब डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से सरकारी सस्ते खाद्यान्न की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने की तैयारी है| विभाग स्वयं सर्वाधिक राशन कार्डधारकों वाले 4 जिलों की 3000 दुकानों तक खाद्यान्न पहुंच जाएगा|
इस काम में होने वाली कठिनाइयों, अतिरिक्त श्रम और समय जाया होने के साथ ढुलाई भाड़ा कम होने की शिकायत को लेकर विक्रेताओं की सरकार और विभाग के साथ लंबे समय से खींचतान चल रही है|
राशन की दुकानों तक खाद्यान्न पहुंच जाने से विक्रेताओं को सुविधाओं से निजात तो मिलेगा ही, गोदाम से दुकान तक खाद्यान्न के पहुंचाने को लेकर उंगलियां उठाई नहीं जा सकेंगे|
डोर स्टेप डिलीवरी में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) युक्त वाहनों के माध्यम से खाद्यान्न की दुकानों तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी| पहले चरण में इस योजना को बतौर ट्रायल के रूप में देहरादून जिले की सहसपुर और नैनीताल जिले के रामनगर ब्लॉक में लागू किया गया|
चार मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में यह योजना क्रियान्वित की जा रही है|
