अल्मोड़ा| खेल का मैदान उत्तराखंड के लिए खास होता जा रहा है। इस क्षेत्र में उत्तराखंड के युवा कमाल कर रहे हैं। पिछले दिनों फुटबॉल खिलाड़ी हेमराज जौहरी के चर्चे पूरे देश मे हो रहे थे। खेल के मैदान पर अकेले बेटे ही नहीं बल्कि बेटियां भी कमा कर रह है। अल्मोड़ा की भगवती चौहान ( almora bhagwati chauhan) ने दिल्ली में कमाल किया है। दिल्ली में आयोजित हुए एक फुटबॉल टूर्नामेंट में उन्होंने 12 गोल दागे और उन्हें ‘गोल्डन बूट’ से नवाजा गया। पिछले ही दिनों देहरादून की अंजना का चयन भारतीय जूनियर टीम में हुआ था।
अल्मोड़ा की भगवती चौहान अपने करियर की शुरुआत अल्मोड़ा के हेमवती नंदन बहुगुणा स्टेडियम से अभ्यास से की। संसाधनों की कमी थी और ना ही उन्हें प्रोफेशनल कोचिंग मिल पाई। अपनी स्किल को सुधारने के लिए उन्होंने सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेलना शुरू किया। खिलाड़ियों ने भगवती ( almora footballer bhagwati chauhan) के अंदर के टैलेंट को पहचाना और उनके खेल को सुधारने में मदद की। भगवती चौहान ने अपने भाइयों को देखकर फुटबॉल खेलना शुरू किया था, उस वक्त उनकी उम्र 13 वर्ष रही होगी। शुरू में भगवती को लोगों के तानों का भी सामना करना पड़ा। फुटबॉल के क्षेत्र में लड़कियों के लिए कुछ नहीं है। खेल से बढ़िया है कि कोई पढ़ाई करो लेकिन भगवती ने ठान लिया था और अब पीछे मुड़ने का कोई चांस नहीं था। फुटबॉल खेलने जाने के लिए भगवती को सुबह शाम से घर से 4 किलोमीटर दूर स्टेडियम जाना पड़ता था।
भगवती ने दिल्ली में ‘गोल्डन बूट’ अपने नाम किया है। इससे पहले भगवती आईडब्ल्यूएल भी खेल चुकी हैं। वह कई फुटबॉल प्रतियोगिताओं में गोल्डन बूट जीत चुकी है। उनका कहना है कि वह इस खेल से वर्षों से जुड़ी और अच्छा करना चाहती है। एक प्रोफेशनल खिलाड़ी की तरह आगे बढ़ने के लिए उन्हें अच्छी कोचिंग की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि वह भारतीय फुटबॉल टीम में शामिल होना चाहती है और इसके लिए किसी भी बांधा को पार करने के लिए तैयार हैं।