नई दिल्ली| आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की तीन तिमाहियों में खुदरा महंगाई लगातार छह फ़ीसदी से ऊपर रहने की आशंका है| यानी महंगाई अभी 6 माह और सताएगी| हालांकि, पात्रा ने यह भी कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति से जुड़े कदम दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले अधिक उदार होंगे क्योंकि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति के घटकर 6% से नीचे आने का अनुमान है|
उद्योग मंडल पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री वैश्विक स्तर पर संकट का प्रभाव और भारतीय अर्थव्यवस्था विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में पात्र ने कहा कि मुद्रास्फीति के इस समय अपने चरम बिंदु पर होने के संकेत दिख रहे हैं| आरबीआई ने बढ़ती खुदरा महंगाई को काबू में लाने के लिए मई और जून में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कुल 0.90% की वृद्धि करते हुए 4.9% कर दिया था| उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति वापस निर्धारित दायरे में आ सकती है| आगे उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत में मौद्रिक नीति कदम दुनिया में किसी अन्य देश की तुलना में कहीं ज्यादा उदार होगा और हम 2 साल के भीतर महंगाई को निर्धारित लक्ष्य के दायरे में लाने में कामयाब होंगे| अगर मानसून खाने के सामान के दाम में नरमी लाता है तो हम पहले ही मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने में सफल होंगे| उल्लेखनीय है कि अच्छे मानसून से फसल बेहतर होती है, इससे अनाजों के दाम में उछाल नहीं आता है|