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राष्ट्रपति चुनाव में किसी मुद्दे को लेकर दायर की गई चुनाव याचिका सुप्रीम कोर्ट में ही विचारणीय है और कोई अदालत इस मुद्दे पर विचार नहीं कर सकती| राष्ट्रपति ,उपराष्ट्रपति निर्वाचन कानून, 1952 की धारा 18 के अनुसार, निर्वाचित उम्मीदवार या निर्वाचित उम्मीदवार की सहमति से किसी व्यक्ति द्वारा रिश्वत देने या अनुचित प्रभाव का इस्तेमाल करने पर धारा 171 बी और सी के तहत कोर्ट निर्वाचन निरस्त कर सकता है|
बताते चलें कि निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है| देश का अगला राष्ट्रपति चुनने के लिए 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे और 21 जुलाई को मतगणना होगी| सांसदों-विधायकों वाले निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का उत्तराधिकारी चुनेंगे|
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