
देहरादून| राज्य में गुलदार का आतंक हमेशा छाया रहता है जो पालतू जानवरों के साथ साथ इंसानों को भी अपनाने निवाला बनाते हैं| गांव में बाघ का खौफ बना रहता है| गर्मियों के दिनों में जंगल में आग लगने के कारण जंगली जानवर इंसानी बस्तियों की ओर रुख करते हैं| जिस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है और जंगली जानवरों का खौफ सताने लगता है| बताते चलें कि उत्तराखंड में गुलदार ही नहीं सांप भी लोगों की जान के सबसे बड़े दुश्मन है पिछले साल गुलदार के हमले के बाद सांप के काटने से सबसे ज्यादा लोग मारे गए|
इस सीजन में अब तापमान बढ़ने के साथ वन विभाग ने अलर्ट व एडवाइजरी जारी की है| साथ ही सांप पकड़ने के लिए टीमें भी तैनात की जा रही है| राज्य में हर साल मानव वन्यजीव संघर्ष में सैकड़ों लोग अपनी जान गवाते हैं जिसमें एक बड़ी संख्या सांप के काटने से मौत की है| पिछले साल सांप के काटने से 21 लोगों ने जान गवाई जबकि गुलदार के हमलों से 22 लोग मारे गए| सांप के काटने से 33 लोग घायल भी हुए|
बताते चले कि सांप के काटने से मरने वालों के आश्रितों को वन विभाग 5 लाख रुपये का मुआवजा देता है| वही सांप के काटने से पशुओं की मौत पर 15 से 30 हजार तक मुआवजे का प्रावधान है|
बता दे कि, राज्य में किंग कोबरा, कोबरा, रसेल वाइपर, वाइट लिप्ट पिट वाइपर, ब्लैक बेलीड कोरल स्नेक सहित 40 से ज्यादा जहरीले प्रजातियों के सांप है जो की तराई से लेकर पहाड़ तक पाए जाते हैं|
