एक विदेशी साधु ने बद्रीनाथ धाम में शीतकाल में तपस्या करने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी लेकिन पुलिस की ओर से उसे अनुमति नहीं मिली|
दरअसल, बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल में 6 माह के लिए बंद हो जाते हैं| शीतकार में धाम में कई साधु तपस्या करने के लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेते हैं| जिसके बाद वह धाम में तपस्या करते हैं| इस साल भी 25 साधुओं ने धाम में तपस्या करने की अनुमति ली है| वहीं एक विदेशी साधु गिरिगोरे निकोलस स्टोएन (33) निवासी नंदन ने प्रशासन से धाम में तपस्या करने की अनुमति मांगी है।
बता दें, निकोलस के गुरु वासुदेव गिरी बद्रीनाथ में साधनारत हैं| वह अपने गुरु के साथ धाम में साधना करना चाहते हैं| इस संबंध में उन्होंने 4 दिसंबर को उप जिला मजिस्ट्रेट जोशीमठ को प्रार्थनापत्र दिया| अपना स्वास्थ्य परीक्षण भी किया| इसके बाद उप जिला मजिस्ट्रेट ने उनको एनओसी के लिए पुलिस के पास भेजा, लेकिन पुलिस ने एनओसी जारी करने से इनकार कर दिया| निकोलस को 21 जुलाई 2023 को टूरिस्ट वीजा जारी हुआ था जो 19 जुलाई 2024 तक वैध है| यात्रा सीजन में वह बद्रीनाथ धाम में ही रह रहा था|
इस संबंध में एसपी चमोली रेखा यादव का कहना है कि विदेशी नागरिक टूरिस्ट वीजा पर यहां आया हुआ है| बद्रीनाथ धाम शीतकाल के लिए बंद है| वहां टूरिस्ट गतिविधियां पूरी तरह बंद है| वहीं भौगोलिक परिस्थितियां विषम है इसलिए विदेशी नागरिक को वहां तपस्या के लिए एनओसी नहीं दी गई|