ये कहना सही होगा कि दिवाली से पहले लोगों का दिवाला निकल रहा है दरअसल आजकल महंगाई इतनी बढ़ चुकी है कि लोगों के रसोई के बजट में काफी बढ़ोतरी हो गई है ना सिर्फ खाद्य तेलों बल्कि सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। बरसात से पहले ही खाद्य पदार्थ क्या कम महंगे थे कि बरसात के बाद इनकी कीमतें आसमान छू रही हैं। आज खाद्य पदार्थों में लगभग सभी चीजें काफी महंगी बेची जा रही हैं सरसों का तेल लगभग 210 रुपए किलो के हिसाब से तथा वही रिफाइंड तेल 175 रुपए के हिसाब से बेचा जा रहा है।
सब्जियां भी कहीं पीछे नहीं है टमाटर बाजार में ₹80 किलो तथा प्याज 60 रुपए किलो बिक रहा है और भिंडी की कीमत बरसात के बाद सीधे दुगनी हो गई है जहां भिंडी पहले 10 रुपए किलो मंडी में बेची जा रही थी वही अब 20 रुपए किलो बेची जा रही है। आमजन काफी चिंतित है यदि इसी तरह महंगाई बढ़ती रहे तो लोगों को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के खाद्य पदार्थ भी नसीब नहीं हो पाएंगे।
बढ़ती महंगाई का कारण बरसात को भी बताया जा रहा है दरअसल बरसात से सब्जियों व अनाजों के खेतों में पानी भर गया है जिसकी वजह से उनमें नमी आ गई है तथा वह नष्ट हो गई हैं व रोड ब्लॉक होने से ट्रक भी मंडी तक सब्जियां लेने नहीं जा पा रहे हैं तथा इसी कारण बाजार में दुगनी कीमतों पर सब्जियां बेची जा रही हैं। यदि स्थितियां इसी तरह बनी रही तो दिवाली के बाद रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों के दाम और अधिक बढ़ सकते हैं।