देवस्थनाम बोर्ड को भंग करने को लेकर तीर्थ पुरोहित आंदोलन करने पर उतर आए है। देवस्थनाम बोर्ड को लेकर उनका गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। तथा तीर्थ पुरोहितों का कहना है, कि यदि सरकार ने जल्द ही कुछ नहीं किया तो वे 3 नवंबर को केदारनाथ को कूच करेंगे।
उनका कहना है कि देवस्थानाम बोर्ड को भंग करना उनकी एकमात्र मांग है। यदि यह मांग प्रशासन द्वारा पूरी नहीं की गई तो उनका आंदोलन पहले से भी ज्यादा आक्रामक हो जाएगा। तथा उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि देवस्थानम बोर्ड भंग ना होने पर इसी तरह आर-पार की लड़ाई होगी।
तथा तीर्थ पुरोहितों व हक – हूकधारियों ने केदारनाथ कूच करने का ऐलान किया है। केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना है कि यह सब करने पर तीर्थ पुरोहित मजबूर है। केदारनाथ में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का विरोध भी इसी बात के लिए किया जाता है, क्योंकि उन्हीं के सत्ता काल में यह बोर्ड बना था तथा उन्होंने भी सकारात्मक कार्यवाही का पुरोहितों को विश्वास दिलाया था मगर तब भी वे इस मामले में कुछ नहीं कर पाए। उसके बाद वर्तमान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी पुरोहितों को विश्वास दिलाया था कि 30 अक्टूबर तक देवस्थानम बोर्ड को लेकर सकारात्मक कार्यवाही की जाएगी मगर उन्होंने भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की जिसके कारण पुरोहित काफी नाराज है, व आंदोलन करने पर उतर आए है।