कोवैक्सीन की मंजूरी मे देरी क्यों स्वदेशी होने के वावजूद भी ? जाने पूरी ख़बर –

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से भारत बायोटेक का टीका कोवैक्सीन के अप्रूवल का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को कहा कि अप्रूवल की प्रक्रिया में कभी-कभी अधिक समय लगता है। डब्ल्लूएचओ ने अभी तक भारत बायोटेक के कोवैक्सिन को औपचारिक मंजूरी प्रदान नहीं की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस्तेमाल के लिए एक टीके का पूरी तरह से मूल्यांकन करने और इसकी सिफारिश करने की प्रक्रिया में कभी-कभी लंबा समय लगता है।

भले ही इसमें एक या दो सप्ताह का समय लगे, मगर यह सुनिश्चित करना होगा कि दुनिया को सही सलाह दी जाए। कोवैक्सीन भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ निर्मित स्वदेशी वैक्सीन है और यह टीकाकरण का हिस्सा भी है डब्ल्यूएचओ हेल्थ इमर्जेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक डॉ माइक रयान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी बहुत स्पष्ट है कि वह चाहती है कि सभी देश उन टीकों को पहचानें, जिन्हें डब्ल्यूएचओ सलाहकार प्रक्रिया द्वारा आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) दिया गया है। लेकिन यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि डब्ल्यूएच जब इस तरह की सिफारिश करता है, तो इसका मतलब है कि वह उस वैक्सीन को विश्व स्तर पर मान्यता दे रहा है

। डब्ल्यएचओ ने आगे कहा कि आपातकालीन उपयोग के लिए किसी प्रोडक्ट की सिफारिश करने से पहले, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए इसका अच्छी तरह से मूल्यांकन करना होगा कि वह सुरक्षित और प्रभावी है। उसने कहा, कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक नियमित आधार पर डब्ल्यूएचओ को आंकड़े उपलब्ध करा रहा है और डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने इन आंकड़ों की समीक्षा की है। डब्ल्यूएचओ आज कंपनी से एक अतिरिक्त जानकारी की उम्मीद कर रहा है।’